Pralaya Payodhi Jale (Sri Dasavatara Stotra) #
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Song Name: Pralaya Payodhi Jale
Official Name: Song 1; Sri Dasavatara Stotram
Author: Jayadeva Goswami
Book Name: Gita Govinda
Language: Sanskrit
LYRICS:
(१)
प्रलयपयोधिजाले धृतवानसि वेदं
विहितवहित्रचरित्रमखेदम्
केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे
(२)
क्षितिरिह विपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे
धरणिधारणकिणचक्रगरिष्ठे
केशव धृतकूर्मशरीर जय जगदीश हरे
(३)
वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना
शशिनि कलङ्ककलेव निमग्ना
केशव धृतशूकररूप जय जगदीश हरे
(४)
तव करकमलवरे नखमद्भुतशृङ्गं
दलितहिरण्यकशिपुतनुभृङ्गम्
केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे
(५)
छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन
पदनखनीरजनितजनपावन
केशव धृतवामनरूप जय जगदीश हरे
(६)
क्षत्रियरुधिरमये जगदपगतपापम्
स्नपयसि पयसि शमितभवतापम्
केशव धृतभृगुपतिरूप जय जगदिश हरे
(७)
वितरसि दिक्षु रणे दिक्पतिकमनीयं
दशमुखमौलिबलिम् रमणीयम्
केशव धृतरामशरीर जय जगदिश हरे
(८)
वहसि वपुषि विशदे वसनं जलदाभं
हलहतिभीतिमिलितयमुनाभम्
केशव धृतहलधररूप जय जगदिश हरे
(९)
निन्दसि यज्ञविधेरहहश्रुतिजातं
सदयहृदय दर्शितपशुघातम्
केशव धृतबुद्धशरीर जय जगदीश हरे
(१०)
म्लेच्छनिवहनिधने कलयसि करवालं
धूमकेतुमिव किमपि करालम्
केशव धृतकल्किशरीर जय जगदीश हरे
(११)
श्रीजयेदेवकवेरिदमुदितमुदारं
शृणु सुखदं शुभदं भवसारम्
केशव धृतदशविधरूप जय जगदीश हरे
(१२)
वेदानुद्धरते जगन्ति वहते भूगोलमुद्बिभ्रते
दैत्यं दारयते बलिं छलयते क्षत्रक्षयं कुर्वते
पौलस्त्यं जयते हलं कलयते कारुण्यमातन्वते
म्लेच्छान्मूर्छयते दशकृतिकृते कृष्णाय तुभ्यं नमः
UPDATED: October 6, 2015